➤ शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ
➤ 21-22 सितंबर को प्रतिपदा तिथि मिलने से कन्फ्यूजन
➤ कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम
हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत को लेकर इस बार लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई थी। कारण यह था कि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 और 22 सितंबर दोनों दिन मिल रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवरात्रि व्रत की मान्यता उदयातिथि पर आधारित होती है। ऐसे में 21 सितंबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि है, जबकि 22 सितंबर को सूर्योदय के समय शुक्ल प्रतिपदा तिथि होगी। इसी आधार पर शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार से शुरू होगी।
इस दिन से भक्त मां दुर्गा की आराधना का शुभारंभ करेंगे और पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि 10 दिनों की होगी और 11वें दिन विजयादशमी या दुर्गा विसर्जन होगा।
कलश स्थापना का विशेष महत्व है और इसे नवरात्रि के पहले दिन किया जाता है। इस बार कलश स्थापना का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:43 बजे तक है। इसके अलावा सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक और 9:14 से 10:45 बजे तक भी घटस्थापना की जा सकती है।
इस वर्ष शुक्ल योग और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र कलश स्थापना को और भी शुभ बना रहे हैं।
भक्तों के लिए यह नवरात्रि खास है क्योंकि इस बार मां दुर्गा गज पर आगमन करेंगी और पालकी में प्रस्थान करेंगी। शास्त्रों में गज पर आगमन को समृद्धि और शांति का प्रतीक माना गया है, जबकि पालकी में प्रस्थान का अर्थ है कि वर्ष के अंत में कठिनाइयाँ कम होंगी।



